Class 10 Hind 5 lesson लोकगीत
1. लोकगीत के बारे मे आप क्या जानते हैं?
उ. लोकगीत मुख्यत : उत्तर भारत मे गाँव व देहातो में, गाँव या उ क्षेत्रीय बोली मे गाये जाने वाले गीत हैं, जो विभिन्न अवसरों पर जैसे तीज-त्योहारों, जन्म, विवाह के अवसरो पर गाये जाते हैं। ये मार्मिक, हृदयस्पशी होते है।
2.लोकगीत और संगीत का क्या संबंध है?
उ. लोकगीत हमारे जीवन के संगीत है। लोकगीत और संगीत हमारी संस्कृति का अटूट संबंध है। लोकगीत भावना प्रधान होते हैं। इसमें सूर-ताल का ध्यान नही रखा जाता है। ये शास्त्रीय संगीत से बिलकु भिन्न है। गीत संगीत के बीना हमारा मन नीरसा होजाता है। ये दोनो मनोरंजन के लिए गाये जाते हैं।
3.स्त्रियों के लोकगीत कैसे होते हैं?
उ. वास्तव मे गाँवो और नगरो मे लोकगीत गानेवाली गायिकाएँ भी होती है जो त्यौहारो के अवसरो 'उल्लासित होकर दल बाँधकर गाती है। होली के अवसर पर ब्रज मे रसिया चलता है। बरसात की कजरी इनकी प्रिय लोकगीत है।
4.लोकगीत किसके प्रतीक है?
उ. लोकगीत आनंद और उल्लास के प्रतीक माने जाते हैं। क्योकि देहातो मे इन्हे आनंद से तीज-त्यौहार, शादी, बरहो, आदि विभिन्न आनंददायक रस्मो के अवसर पर गाया जाता है। उद्दाम जीवन के ही वहाँ के अनंत संख्यक गाने प्रतीक है।
5.लोकगीत ग्रामीण जनता का मनोरंजक साधन है। कैसे?
उ: लोकगीत सीधे जनता के संगीत है। गाँव मे मनोरंजन के आधुनिक यंत्र प्रचलन मे नही है। वहाँ के लि लोग अपने गीतो की रचना स्वयं करते है। इनके आधार पर वे अपना मनोरंजन करते है। अत: लोकगीत ग्रामीण जनता का मनोरंजक साधन है।
6.लोकगीतों की क्या विशेषता होती है?
उ: लोकगीत सीधे जनता के गीत है। लोकगीत गाँव के जन-जीवन का परिचय देते हैं। इसके लिए विशेष प्रयत्न की आवश्यकता नहीं पड़ती। ये त्योहारों और विशेष अवसरो पर साधारण ढोलक और झाँझ आदि की सहायता से गाए है। लोकगीत को गाने के लिए किसी संगीत के ज्ञान की आवश्यकता नही होती है।
7.अपने मनपसंद विषय पर एक निबंध लिखिए।
उ. लोकगीत सीधे जनता के संगीत है। लोकगीतों में मधुरता और ताज़गी होती है। उनका सीधा संबंध जन साधारण से होता है। वे घर, गाँव और नगरी की जनता के गीत होते हैं। इनके लिए किसी साधना या प्रयास की जरूरत नही होती। ये विशेष अवसरों और त्याहारों पर गाए जाते है। इनके गाने वाले अधिकतर गाँव के लोग होते हैं। ये बाजों की मदद के बिना साधारण ढोलक, झाँझ, व बाँसुरी की सहायता से गा गाऐ जाते है।
8. लोकगीतों में मुख्यतः ग्रामीण जनता की भावनाएं हैं अपने शब्दों में लिखिए
उ. लोकगीतो मे मुख्यत: गाँवो के लोगों की सरल हृदयी, मार्मिक भावनाएँ, हमारे हृदय को छूती है। क्योंकि वहाँ प्रान्तीय बोली मे ये गाये जाते हैं जो उनके दैनिक जीवन से संबंधित है। इसके लिए विशेष राग या संगीत आदि की आवश्यकता नही होती। साधारण के माध्यम से खासकर ढोलक, करताल, साग स्त्रियाँ सामूहिक रूप से गान करती है। विशेष तीज-त्यौहारो,विभिन्न रस्मो-रिवाजो के वक्त ये गीत गाकर आनंद उठाते हैं।